प्रॉपर्टी पर लोन और इसके लाभ क्या हैं?
10 अगस्त 2023 को प्रकाशित
लोन चाहने वाले कई लोन विकल्पों में से चुन सकते हैं. लोग अपनी पसंद के अनुसार सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड, कोई सा भी लोन चुन सकते हैं. साथ ही, अगर किसी व्यक्ति को कोई अन्य प्रकार का लोन नहीं मिल पा रहा है तो लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी एक अच्छा विकल्प है.
लेकिन प्रॉपर्टी पर लोन क्या है? यह पर्सनल, कार या हाउसिंग लोन से पूरी तरह से अलग है. आइए इस ब्लॉग के जरिए समझते हैं कि प्रॉपर्टी पर लोन क्या है और इसके लाभ क्या हैं.
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (एलएपी)
प्रॉपर्टी पर लोन एक सेक्योर्ड लोन है. यह स्व-व्यवसायी और वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपयोगी है. इस लोन का लाभ उठाने के लिए, आपको कमर्शियल या रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी को मॉरगेज करना होगा.
लेंडर प्रॉपर्टी की वर्तमान वैल्यू के अनुसार लोन राशि स्वीकृत करेगा. उधारकर्ता खुद के स्वामित्व वाली प्रॉपर्टी या किसी अन्य भूमि को मॉरगेज पर रख सकता है. लेकिन उधारकर्ता के पास उस प्रॉपर्टी के सभी अधिकार होने चाहिए, जिसके लिए लोन अप्लाई किया जा रहा है.
प्रॉपर्टी पर लोन के उद्देश्य
प्रॉपर्टी पर लोन के लिए अप्लाई करने के विभिन्न उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- उच्च शिक्षा के लिए भुगतान
- घर का नवीकरण
- नई प्रॉपर्टी बनाने या खरीदने के लिए डाउन पेमेंट
- मेडिकल खर्चों का भुगतान
- महंगे बिज़नेस उपकरणों की खरीद
- इन्वेंटरी रीस्टॉक करना
- शादी के लिए भुगतान
- कई कर्ज़े मिलाकर एक करना
प्रॉपर्टी पर लोन के लाभ
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
अगर आप लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो आप विभिन्न प्रॉपर्टी को कोलैटरल के रूप में उपयोग कर सकते हैं. वह ऐसी ज़मीन या रेज़िडेंशियल प्रॉपर्टी हो सकती है जिसका आप उपयोग कर रहे हैं. आप कमर्शियल प्रॉपर्टी को भी कोलैटरल रख सकते हैं. प्रॉपर्टी के अगेंस्ट फंडिंग पाने के दौरान भी प्रॉपर्टी का मालिक उधारकर्ता ही रहता है और वह इस दौरान उसका उपयोग कर सकता है.
प्रॉपर्टी पर लोन पर लगने वाली ब्याज दरें कम होती हैं. इसलिए, उधारकर्ताओं को कम EMI भरनी होती है. इससे उधारकर्ताओं का कुल फाइनेंशियल बोझ घटता है.
प्रॉपर्टी पर लोन एक सेक्योर्ड लोन होने के कारण, उधारकर्ता पर्सनल लोन जैसे किसी अनसेक्योर्ड क्रेडिट विकल्प की तुलना में अधिक राशि प्राप्त कर सकते हैं. आपको ठीक-ठीक कितनी राशि मिलेगी यह बात मार्केट में प्रॉपर्टी की वर्तमान कीमत से तय होती है.
प्रॉपर्टी पर लोन आमतौर पर सुविधाजनक पुनर्भुगतान शर्तों के साथ आता है. पर्सनल लोन के मामले में, यह अवधि आमतौर पर 5 से 7 वर्ष तक होती है. वहीं प्रॉपर्टी पर लोन की अवधि 15 वर्षों तक की होती है. इससे उधारकर्ता का फाइनेंशियल बोझ कम होता है.
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 31 के अनुसार, प्रॉपर्टी पर लोन की ब्याज दर पर टैक्स लाभ मिलते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 में यह लिखा है कि नया घर बनाने के लिए प्रॉपर्टी पर लिए गए लोन पर ₹2 लाख की टैक्स कटौती का लाभ लिया जा सकता है.
सारांश
भारत में प्रॉपर्टी पर लोन बिज़नेस और व्यक्तियों, दोनों के लिए लाभदायक है. यह लोन कम ब्याज दरों और सुविधाजनक पुनर्भुगतान अवधियों के साथ अधिक लोन राशि पाने का एक बेहद सुविधाजनक विकल्प है. उधारकर्ता अपनी प्रॉपर्टी की मिल्कियत खोए बिना उस पर फंड प्राप्त कर सकते हैं.