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भारत में होम लोन पर स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क

फरवरी/25/2024 को प्रकाशित

नया घर खरीदने का विचार रोमांचक के साथ-साथ अभिभूत करने वाला हो सकता है. आप अपने सपनों का घर खरीदने और अपने खुद के घर में रहने के लिए उत्साहित हो सकते हैं, लेकिन साथ ही, कानूनी प्रक्रियाओं से गुज़रना कठिन लग सकता है.

ऐसी कई औपचारिकताएं होती हैं, जिनका घर खरीदते समय आपको पालन करना चाहिए. अगर आप घर खरीदने के लिए फंड जुटाने के लिए लोन ले रहे हैं, तो आपको लेंडर द्वारा आवश्यक कानूनी पेपरवर्क का पालन करना होगा. आपको कई अलग-अलग फॉर्म भरने और जमा करने के अलावा इनकम प्रूफ, आइडेंटिटी प्रूफ आदि जैसे कई डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे.

इसके अलावा, आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना होगा. इस प्रोसेस में किसी भी देरी से आपको बहुत परेशानी हो सकती है, और इससे कानूनी परिणाम हो सकते हैं.

लेकिन, चिंता न करें, इस ब्लॉग में, हम आपको रजिस्ट्रेशन शुल्क और होम लोन पर स्टाम्प शुल्‍क का ओवरव्यू देंगे यानी संक्षिप्त विवरण बताएंगे. तो आइए, बिना देरी के शुरू करें.

होम लोन पर स्टाम्प ड्यूटी क्या है?

जब आप नया घर खरीदते हैं, तो आपको स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है. यह राज्य सरकार द्वारा सभी मोनेटरी (मौद्रिक) ट्रांजैक्‍शन पर लगाया जाने वाला एक कानूनी शुल्क है. यह एक अनिवार्य शुल्क है, और अगर आप इस शुल्क का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो आपको प्रॉपर्टी का कानूनी मालिक नहीं माना जाएगा. प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टाम्प शुल्क का लगना भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत लागू हुआ था.

सरल शब्दों में, स्टाम्प शुल्‍क वह टैक्स है जिसका भुगतान आप सरकार को टाइटल डीड, वाहन डीड, सेल डीड और पावर ऑफ अटॉर्नी (जो आवश्यक हो) का क्लेम करने के लिए करते हैं. स्टांप शुल्क के रूप में आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि आपके द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी के प्रकार और उसकी खरीद वैल्यू के आधार पर अलग-अलग होती है.

स्टाम्प शुल्क राज्य सरकार तय करती है, इसलिए आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न हो सकती है. राज्य की पॉलिसी के अलावा, रियल एस्टेट एसेट पर लोन एग्रीमेंट स्टाम्प शुल्क को प्रभावित करने वाले कई अन्य कारक हैं, जो इस प्रकार हैं –

  • प्रॉपर्टी की लोकेशन

  • प्रॉपर्टी खरीदने वाले की लिंग और आयु

  • खरीदी गई प्रॉपर्टी का प्रकार

  • उपलब्ध सुविधाएं

  • प्रॉपर्टी का उपयोग

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस क्या है?

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क वह शुल्क है जिसका भुगतान आप कथित प्रॉपर्टी को अपने नाम से रजिस्‍टर करने के लिए सरकार को करते हैं. अपने खरीदे गए घर का कानूनी रूप से मालिक बनना एक महत्वपूर्ण कदम है. शुल्क का भुगतान करने के बाद, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया जाएगा.

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क वह अतिरिक्त शुल्क है जिसका भुगतान आप स्टाम्प शुल्क के अलावा करते हैं. स्टाम्प ड्यूटी शुल्क के विपरीत, जो कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित और एकत्रित किए जाते हैं, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क भारत की केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, और वे पूरे देश में एक समान होते हैं.

रजिस्ट्रेशन शुल्क आमतौर पर प्रॉपर्टी की वैल्यू का 1% होता है. हालांकि, आपके द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी के प्रकार के आधार पर शुल्क भिन्न हो सकते हैं.

क्या अपने होम लोन में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टाम्प शुल्क को शामिल किया जा सकता है?

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प शुल्क ओवरहेड यानी कि ऊपरी शुल्क हैं, इसलिए अधिकांश लेंडर इन राशियों को होम लोन के तहत कवर नहीं करते हैं. इसलिए, जब आप होम लोन लेते हैं, तो आपको अंतिम समय में किसी भी परेशानी से बचने के लिए इन खर्चों के लिए पहले से फंड तैयार रखना चाहिए.

आप सरकारी वेबसाइट पर जाकर अपने राज्य में स्टाम्प ड्यूटी शुल्क के बारे में आसानी से पता कर सकते हैं. इसके अलावा, आप स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर का भी उपयोग कर सकते हैं. यह एक ऑनलाइन टूल है जो होम लोन EMI कैलकुलेटर की तरह काम करता है, जिसमें आपको कुछ बुनियादी विवरण दर्ज करना होगा और आपको जितनी राशि का भुगतान करना है, टूल उसकी सटीक गणना करेगा.

स्टाम्प शुल्‍क और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस पर टैक्स लाभ

होम लोन रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टाम्प शुल्क पर टैक्स लाभ भारतीय इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत कवर किए जाते हैं. आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय ₹ 1.5 लाख तक के लाभ का क्लेम कर सकते हैं. इस टैक्स लाभ के अलावा, आप IT एक्ट के सेक्शन 80EE के तहत अपने होम लोन के ब्याज के पुनर्भुगतान पर टैक्स कटौती का क्लेम कर सकते हैं.

अगर आप को-ऑनर के साथ घर खरीदते हैं, और आप दोनों ने जॉइंट होम लोन लिया है, तो आप देनों अलग-अलग टैक्स लाभ का क्लेम कर सकते हैं. संयुक्त रूप से आपको ₹1.5 लाख की अधिकतम टैक्स छूट मिलती है.

अंत में

अब जब आपको होम लोन के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस और स्टाम्प शुल्क और कानूनी स्वामित्व प्राप्त करने के लिए अपनी प्रॉपर्टी रजिस्टर करने और स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने के महत्व की पूरी जानकारी है. सुनिश्चित करें कि घर खरीदते समय और इसके लिए होम लोन लेते समय इन महत्वपूर्ण बातों को याद रखना है.